एक दूसरे को काटती हुई दो रेखाओं और आगे चल कर उनके चारों सिरों के दांई ओर मुड़ जाने वाले चिह्न को स्वस्तिवाचन का प्रतीक माना जाता है। स्वास्तिक अति प्राचीन पुण्यप्रतीक है, जिसमें गूढ़ अर्थ और गंभीर रहस्य छुपे हैं। स्वस्तिक जिस मंत्र के प्रतीक रूप में चित्रित किया जाता है, वह यजुर्वेद से …
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